Posts

School Days

Image
स्कूल वो हसीन मन्ज़र था जो एक बार फिर से देखना चाहतें है, वो लम्हे वो दास्ताँ फिर से दोहराना चाहतें है। याद है आज भी वो दिन जब नन्हे कदमो के साथ इसमे प्रवेश किया था, सारे एक दम अनजाने थे फिर भी कितनो को अपना किया था। सफ़र की शुरुआत मे तो बड़ा मज़ा आता था, खेलना कूदना और शरारतें ही जब काम हुआ करता था। वो भी क्या दिन थे जब वॉटर कूलर तक रेस लगाते थे, बस मे खिड़की वाली सीट के लिये खेलकर फैसला किया करते थे। स्कूल ने ना जाने कितना कुछ सिखाया, ऐसे ही थोड़ी इसने अपना दीवाना है अब तक बनाया। प्रेयर ना आते हुए भी होंठ हिलाना  एक अलग कला ही थी, गेम्स पीरियड मे पी•टी• करने की सजा भी हमे  बहुत बार मिली थी। वो वर्षिक उत्सव मे हिस्सा लेना भी बहुत याद आता है, वो वर्षिक उत्सव मे हिस्सा लेना भी बहुत याद आता है, दूसरे स्कूल मे जा के अपने स्कूल को जीत दिलाना आज भी गर्व का अहसास करा जाता है। स्कूल मे ही तो पहली बार प्यार का बुखार भी चड़ा था, पता नही क्यू ऐसा लगता है वही मेरा सच्चा वला प्यार  था। वो छोटी मोटी अनबन  पर बाहर मिल लेना ये बोलने का अहसास कुछ अलग ही था, तो एक दोस्त के बाहर ...

chai pe charche...

Image
इन चाय के प्यालों को देखकर हम चारों कि यारी याद आती है, स्कूल के पास वाली चाय कि गुम्टि दोबारा से नज़र आती है। पैसे भले ही पूरे किसी के पास ना हो लेकिन जाते रोज़ वहा थे, बाते कुछ भी ना हो पर ठहाके वहा रोज़ लगाते थे। बारिश धूप ठण्डी कुछ भी हो रोक नही पाती थी, क्लास मे बैठे बैठे भी वो चाय कि चुस्कियां ही दिमाग मे आती थी। स्कूल का दुख तो नही पर किस्से ज़रूर एक दूसरे को सुनाते थे, जिस दिन छुट्टी हो उस दिन जाने के लिये घर पे बहाने बनाते थे। चाय वाले भैया को परेशान करने मे बहुत मज़ा आता था, पर क्या करे उन्हे भी तो इसमे ही प्यार नज़र आता था। याद है एक बार जब चारों मे  लड़ाई हुई थी, भैया  से सबसे पसंदीदा पूछने कि बात हुई थी। जवाब भी याद है भैया ने हसते हुए कहा था तुम लोगों कि यारी पता नही ये सुनते ही कैसे लड़ाई हो गयी गायब सी हमारी। चाय तो बहुत जगह कि पी लेकिन उसका मुकाबला कोई नही कर पाती है, उन प्यालों कि गूंज आज भी जबां पर अपना जादू दिखा जाती है। उस चाय मे कुछ अलग ही बात थी, कैसे ना हो भला उसमे दोस्ती कि जो मिठास थी। यादे बनाते बनाते वो वक़्त कब निकल गया पता ही नही चला, स्कूल भी...

Maa

Image
आज के लिए शब्द कम पड़ रहे थे फिर भी कहना चाहूंगा , मां क्या होती है ये सबको समझाना चाहूंगा। मेरी मां जन्नत का फूल है , मेरी मां जन्नत का फूल है , माफ़ कर देती वो मेरी सारी भूल है, मेरी मां सुरीले संगीत की सरगम है, मेरे दिल के घाव की  मरहम है। मेरी गलतियों पर मुझे बहुत डांटा है , मेरी गलतियों पर मुझे बहुत डांटा है , लेकिन मेरे परेशान होने पर मेरा दुख भी सबसे ज्यादा आप ही ने बांटा है। मेरे लिए दुनिया की सारी जायदाद बेकार है, मेरा दिल तो बस आपकी एक मुस्कान के लिए बेकरार है। चाहे जितना भी बाहर का स्वादिष्ट  खाना खा लूं, चाहे जितना भी बाहर का स्वादिष्ट  खाना खा लूं, आज भी सबसे ज्यादा पसंद है आप के हांत के बनाए आलू। मेरी पसंद और नापसंद मुझसे ज्यादा तुझे पता है  मेरी पसंद और नापसंद मुझसे ज्यादा तुझे पता है  में अपना प्यार तुझे दिखा ना पाया  बस इतनी सी की खता है। कई बार बोला होगा मैंने तुझसे झूठ , कई बार बोला होगा मैंने तुझसे झूठ , नियत बुरी नहीं सिर्फ डर था कि तू कहीं ना जाए मुझसे रूठ, तेरी जादू वाली झप्पी वो  प्यार वाली पप्पी , तेरी जादू वाली झप्...

Yaari

यारी के बारे मे क्या कहू ये जिन्दगी का सबसे प्यारा अफ्साना हैं, कैसे बताऊ वो सारे के सारे आज भी मेरे  दिल को करे हुए दीवाना हैं। ये जिन्दगी एक सुहाना सा सफ़र है, इत्ने प्यारे यारों से मिलाया ये मेरा मुक़द्दर है। वो अनजानों की तरह मिले थे और अपना बना गये, उदासी को हमेशा छीना और जिन्दगी जीना सिखा गये। वक़्त के साथ दूरियां तो ज़रूर बढ़ीं इनसे,  लेकिन रिश्ता और प्यार भी लगातार बढ़ता ही गया इनसे। सुख और दुख की बातें तो सिर्फ आशिक़ी में ही आती हैं, यारों और दोस्ती की तो सिर्फ बातें ही सुकून दे जाती हैं। वो बचपन वाले यार सबसे कमाल के थे, शाम होते ही घंटी बजाते और जिस भी हाल में हूँ खेलने को ले जाते थे। बचपन की शरारतों को किस्सा नहीं काण्ड बनाने मे विश्वास रखते थे, ऐसे ही थोड़ी हमारी यारी कि मिसाल पूरे मोहल्ले वाले दिया करते थे। स्कूल के यारों की याद तो आज भी बहुत आती है, उनकी बातें और ठहाको कि गूंज दिल में फिर से सुनाई दे जाती है। टीचरों से हम हमेशा ही साथ डांट खाया करते थे, पर फिर भी अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आया करते थे। आपस में एक दूसरे से हमेशा ही बहुत लड़े थे, लेकिन दूसरे से लड़ने के लिये ह...